सारा जहान है जिसकी शरण में, नमन है उस माँ के चरण में, हम हैं उस माँ के चरणों की धूल, आओ मिलकर माँ को चढ़ाएं श्रद्धा के फूल |
क्या पापी क्या घमंडी, माँ के दर पर सभी शीश झुकाते हैं, मिलता है चैन तेरे दर पे मैया, झोली भरके सभी जाते हैं |
पहले माँ की पूजा उसके बाद कोई काम दूजा, आए हैं शुभ दिन मेरी माँ के माँ ने मेरी, हर मनोकामना पूरी की हैं |
सजा हे दरबार एक ज्योति जगमगाई है, सुना हे नवरात्रि का त्योहार आया हैं, वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है, जय माँ दुर्गा |
जिसका हमको था इंतजार आखिर वो घड़ी आ गई, होकर सिंह पर सवार माता रानी सबके घर आ गई, होगी अब हर मन की हर मुराद पूरी, हरने सारे दुख माता अपने द्वार आ गई |
जगत पालनहार है माँ, मुक्ति का धाम है माँ, हमारी भक्ति का आधार है माँ, सबकी रक्षा की अवतार है माँ |
1..2..3..4.. माता जी की जे जेकर, इस नवरात्रि आपकी हर मनोकामना, माता रानी पूरी करे जय माता दी |
चाँद की चांदनी बसंत की बहार, फूलों की खुशबू अपनों का प्यार मुबारक हो, आपको नवरात्रि का त्यौहार शुभ नवरात्रि |
मैया के दरबार में दुख-दर्द मिटाए जाते हैं, जो भी दर पर आते है, शरण में लिए जाते हैं, जय माता दी।